अगर ख़ुद लूट जाओ तो हनुमान हो तुम
अगर कुछ कर जाओ तो हनुमान हो तुम
पाने में दुआ चाहो तो हनुमान हो तुम
क़ुर्बानी जज़्बात हो तो हनुमान हो तुम
समर्पण इरादा हो तो हनुमान हो तुम
ललकार तन में आग हो तो हनुमान हो तुम
मोहब्बत वतन से ईमान हो तो हनुमान हो तुम
लहु खोलता हैं इस ज़माने में तो हनुमान हो तुम
बेचैनी लहराती हैं सोच में तो हनुमान हो तुम
जन जन हनुमान मन मन में हनुमान हो तुम

अगर कुछ कर जाओ तो हनुमान हो तुम
पाने में दुआ चाहो तो हनुमान हो तुम
क़ुर्बानी जज़्बात हो तो हनुमान हो तुम
समर्पण इरादा हो तो हनुमान हो तुम
ललकार तन में आग हो तो हनुमान हो तुम
मोहब्बत वतन से ईमान हो तो हनुमान हो तुम
लहु खोलता हैं इस ज़माने में तो हनुमान हो तुम
बेचैनी लहराती हैं सोच में तो हनुमान हो तुम
जन जन हनुमान मन मन में हनुमान हो तुम
